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19/05/2020. P/62

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हिन्दी/ /////// हिन्दी के सर सबसे अच्छा समीर को मानते थे। वो भी होम का एक लड़का था। वहीं सबसे ज्यादा सर से पीटता क्योंकि समीर क्लास में सर को सर केहने के बजाय उन्हें ताऊ जी, ताऊ जी कहता था। सर बार बार बोलते क्लास में मत बोला कर लेकिन वो मानता ही भी था। जब सर क्लास में आते उनके आते ही बोलता ताऊ राम राम सर भी केहते राम राम बेटा फिर उसके बाद बेटा आजा बाहर और मुर्गा बन जा। फिर उसको आधा पीरियड तक मुर्गा बना कर रखते थे। उसके बाद उसे खड़ा कर देते थे। समीर कभी भी सर का काम नहीं करता था। हर बार सर इसको मुर्गा बनते दो चार डंडे लगते जब वो रोने लगता या फिर नाराज हो जाता तो उसे मिठी गोली देकर मनाते मिठी गोली तो वो उन सभी स्टूडेंट को देते जिसको जिसको पीटते थे। पर समझाते और दुलार भी बहुत करते थे। एक दिन साइंस के पीरियड में प्रिंसिपल सर क्लास में आ गए और आते ही मुझे खड़ा करके पूछा शरीर के कितनी हड्डियां होती है मैने बता दिया। और फिर पूछा पनडुब्बियां पानी में केसे होता लगती है। इसका उत्तर मैने दिया था पनडुब्बियों में बड़े बड़े टैंक होते है जब पनडुब्बियों को पानी के नीचे जाना होता है। तो इन टैंक में

18/05/2020. P/61

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हिन्दी/ /////// सर क्लास में आए सभी से अपना नाम बताने को कहा सभी लोगो ने अपना नाम बताया उसके बाद ने अपना नाम बताया और साथ ही चेतावनी दी कि ये स्कूल में नीचे गर्ल पड़ती है और ऊपर तुम लोग पर रहे हो। अगर घूमते हुए पकड़े गए तो पिटाई पक्की स्कूल दो मंजिला इमारत थी।जिसमें उपर मंजिल पर लडके और नीचे मंजिल प्र लडकिया पड़ती थी। गर्ल्स का स्कूल टाइम ७ बजे और ब्वॉयज का टाइम ८ बजे इसी तरह छुट्टी भी गर्ल्स की १ बजे और ब्वॉयज की २ बजे होती थी। पहला पीरियड ख़तम हुआ उसके बाद दूसरा पीरियड हिन्दी का था। हिन्दी के टीचर हरियाणा के थे। जो बच्चो से बहुत प्यार करते थे। हिन्दी सर का नाम तो मुझे याद नहीं क्लास में स्टडी और ठुकाई भी करते थे। अगर कोई रोता तो उसे मीठी गोली हिग की बनी गोली देते और चुप कराते को सर हमेशा अपने साथ रखते थे। उसके बाद का विषय हिस्ट्री का था। हिस्ट्री वाले सर अंधे थे। अपने साथ एक घड़ी रखते थे। जो खुल सकती थी। घड़ी में एक चैन लगा था। जो उनकी पैंट या फिर बेल्ट से बधा होता था। और जेब में रखते थे।  टाइम देखने के लिए सर घड़ी अपनी जेब से निकलते घड़ी का ढक्कन खोलते फिर उग्लियो से घड़ी के काटे

17/05/2020. P/60

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हिन्दी/ /////// जैसे ही उस लडके ने कहा ठीक है गांधी जी कोई दिखेगा तो मै होम में फोन कर दुगा गांधी जी ने उसे पकड़ लिया और बोले मैंने तो तुझे अपना नाम बताया ही नहीं तो तू केसे जनता है। तू भी भागे हुआ है होम से चल होम में उसने भूत कोशिश की छुड़ाने की लेकिन गांधी जी की पकड़ इतनी मजबूत थी कि छुड़ा नहीं पाया। लेकिन वो आने को तैयार नहीं हो रहा था फिर गांधी जी ने कहा कि तुझे कोई नहीं मरेगा भागने के चक्कर में कई बार मनाने के बाद वो मान गया उसके बाद वो गांधी जी के साथ होम आया लेकिन गांधी जी ने सभी स्टाफ को उसे मारने के लिए मना कर दिया। तो उसे किसी ने नहीं मारा लेकिन होम स्टाफ ने एक वीक के बाद जानबूझकर गलती निकाल कर उसकी ठुकाई की एक बार किसी कमिने ने सब्जी मै नीम के पत्ते डाल दिया था जिसकी वजह से पूरी सब्जी कड़वी हो गई थी किचेन वालों को तो जानबूझर सब्ज़ी खिलाया भाई बहुत कड़वी थी कि चबाया भी नहीं गया और ना ही निगला गया। लगभग सभी लड़कों का ट्रान्सफर हो था। उनके मर्जी के मुताबिक ५वी कक्षा के एग्जाम हो रहे थे जिसे टीचर हेल्प कर देते थे। रिजल्ट में पास फिर होम के साइड में ही हाई स्कूल है उसमे मेरा

16/05/2020/. P/59

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हिन्दी/ /////// रात को ही गार्ड केटर टेकर भागे हुए लड़कों को पकड़ने के लिए लिकल पड़े रात को ही थाने में एफआईआर करवाए और लड़कों को ढूंढने लगे सुबह तक करीब ७ लडके पकड़ में आ गए थे। और बकियोंकी खोज चल रही थी। सभी लोग जिनकी नाइट शिफ्ट थी वो सभी लोग न्यू दिल्ली रेलवे स्टेशन और ओल्ड दिल्ली रेलवे स्टेशन से लेकर आस पास के सभी जगह ढूंढने में लगे थे। कई लड़कों ने अपना हुलिया है बदल लिया था। बाल मुंडवा लिए थे। कपडे चेंज कर लिया थे। लेकिन सभी लोगो के पास फोटो थी। तो आसान था पहचानना जो पकड़ में आए थे। उनकी होम में अच्छी तरह से खतिरदरी हो रही थी। और पूछे का थे।बकी उनके साथ जो भागे थे। वे खा छुपे है कोई कहता हम सभी अलग अलग हो गए थे भागते समय तो कोई कहता की वो रेलवे स्टेशन पर होगा। जो आता वहीं उनको लात घुसे डंडे बल्ले से मारता जब तक तसल्ली नहीं हो जाती। होम से लड़कों को भागे हुए तीन दिन हो चुके थे। गांधी जी अभी भी रेलवे स्टेशन पर जा कर लड़कों को ढूंढ रहे थे। गांधी जी को दूर से थोड़ा कम दिखता था। गांधी जी को एक लड़का दिखा स्टेशन पर बैठा हुआ गांधी जी उसके पास जाकर बोले की तू नरेला होम से ही भागा हुआ

15/05/2020. P/58

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हिन्दी/ /////// उस दिन गांधी जी की नाइट शिफ्ट थी। गांधी जी सो रहे थे। ऊपर छत के गार्ड भी से रहे थे सायद मुन्ना टाइम पास और जयराम ने टीवी पर वैन हेलसिंग की मूवीज देख रहे थे। और शिवाजी कुटी में लडके दीवार तोड़ने में लगे थे। उस समय शिवाजी कुटी का कैप्टन विजय था। मै खिड़की की साइड में ही बैठ कर मूवी देख रहा था। रात करीब २ बजे लडके दीवार तोड़कर भागने लगे। जिस खिड़की के पास मै बैठा था। उधर से  लडके भाग रहे थे। जब एक तेजी से भाग कर निकला मै चौक गया कि ये क्या था। मुझे लगा टीवी देखने से ऐसा लग रहा है। मुझे जब दसरा खिड़की से निकला तो मुझे लगा कि भाई कोई भूत है। मैंने किसी को नही बताया कि सारे बोलेंगे की मुझे मूवी देखकर भूत दिखने लगे। फिर मैने जयराम को कहा यार मुझे खिड़की में भूत दिख रहे है। उसने बोला अच्छा उधर ही देखने लगा फिर एक लड़का तेजी से निकला उसने चादर ओड रखा था। जयराम बोला या ठीक कह रहा है। उसी समय एक और भागा फिर जयराम बोला ये लडके भाग रहे है। उसने गेट पर बताया रात को ही गिनती करते हुए जब शिवाजी कुटी पहुंचे तो देखा दीवार में होल बना रखा है। शिवाजी कुटी के लड़कों को खड़ा करने को कहा व

14/05/2020. P/57

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हिन्दी/ /////// २००९ ये साल को एक घटना घटी थी। ओ घटना कुछ इस प्रकार है। २००९ में कोर्ट के कुछ ऑफिसर आये होम चेक करने चेक करके उन ऑफिसर ने होम खाली करके लड़कों को किसी और होम में शिफ्ट करने को कहा उनके रिपोर्ट के अनुसार होम कि इमारत जर्जर हो गई है। और उसे रिपेयर करने की आवश्कता है। जिसके कारण होम खाली करने का आदेश दिया था। खाली करने के लिए २ साल का टाइम था। और इसी कारण हर महीने ३०-४० लडके अलग अलग होम में शिफ्ट किए जा रहे थे। इसी कारण गौर्ड ने अपनी डयूटी ठीक से करनी छोड़ दी थी। चुकी होम बंद होने जा रहा था। हर किसी को अपनी जॉब की पड़ी थी जो गवर्मेंट के थे। वो तो होम के साथ ही कही और शिफ्ट हो जायेगे जो प्राइवेट एजेंसी कि तरफ़ से थे। उनको दिक्कत थी। इसी कारण या किसी और कारण केयर टेकर से लेकर गार्ड तक ठीक से डयूटी नहीं कर रहे थे। उस समय मुन्ना टाइम और जयराम बाहर से सीडी/डीवीडी लाते थे। मूवीज देखने के लिए वैसे होम में केवल कन्नेक्सन था। पर एक जैसे मूवीज देख के बोर हो गए थे। तो जयराम और मुन्ना टाइम पास बाहर से सीडी/डीवीडी लाते थे। उस समय होम में करीब १५० लडके थे। हम लोग पूरी रात मूवीज देखते

13/05/2020. P/56

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हिन्दी/ /////// २००७ में हुई लड़ाई के पीछे की स्टोरी इस प्रकार है। हम सभी लडके २००७ का  टी-२० वर्ल्ड कप देखते थे। युवराज के छक्के और टीम इंडिया के खेल देखकर हम सभी पूरा मज़ा लेते थे। मैच के दौरान सारे कम भूल कर या फटाफट ख़तम करके मैच देखने लग जाते थे। हर जीत के साथ मैच और भी रोमांचक होता जा रहा था। जब लास्ट मैच और यू कहे की फाइनल मैच चल था। इंडिया और पाकिस्तान का तो साला एक अन्य लड़का जिसका नाम पप्पू था। अपने दो चलो के साथ बैठ कर पाकिस्तान का सपोर्ट करने लगा था। जैसे टीम इंडिया का कोई प्लेयर आउट होता तो ताली बजकर जस्न मनाता टीम इंडिया ने पूरी बैटिंग कर ली फिर पाकिस्तान की बैटिंग चालू हुई तो चोका लगने पर खड़ा होकर डांस करता कुछ देर तक लडके चुप थे। फिर रूम में बैठे सभी लडके एक साथ अचानक से पप्पू और उसके चलो की पब्लिक धुलाई करनी स्टार्ट कर दिया करीब सवा सौ लड़कों ने उन तीनों को इतना मारा की पप्पू के दात टूटकर उसके जबड़े में फर गए थे। उसके हाथ तोड़ दिया था सर बल्ले से फाड़ दिया। पप्पू और उसके साथियों को हॉस्पिटल में भर्ती करा दिया गया। किसी स्टाफ ने कुछ नहीं कहा क्योंकि कोई अगर एज आता त