29/08/2020. P/115

 हिन्दी/

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आर्ट एंड क्राफ्ट क्लास में डिज़ाइन कैसे करते है ये सीखाया जाता था। इस क्लास कि टीचर लेडीज टीचर थी। नाम तो मै भूल चुका हूं लेकिन सायद उनका नाम अर्चना था। सिम्पल और सीधी स्वभाव कि थी।  सुरूआत में हमें लिफाफा कैसे बनाते है ये सीखाया गया लेकिन फिर मौसम और त्यौहार के हिसाब से हमें सजावटी सामान या यूं कहे कि झालर झूमर और रंगीन कागज कैसे काटते है। कागज को कैसे फोल्ड करके काटे तो उसमे कौन सी पिक्चर या किस प्रकार का डिज़ाइन बनेगा ये करने मै मज़ा भी बहुत आता था और और टीचर बहुत से रंगीन कागज खरीद कर लाती थी। और कटिंग हम लोग करते थे। दीवाली के समय रंग बिरंगे झूमर - झालर बनाते थे। सबसे पसंदीदा डिज़ाइन जो मुझे बनाने मै लगता था। रुपए का सिंबल और किसी देवी- देवता का चित्र और डालर का चित्र और भी कई प्रकार के डिज़ाइन मै रंगीन कागज पर काट सकता हूं। होली के त्यौहार के समय फूलों को सुखाकर उनसे कलर बनाना और राखी के समय राखी बनाना और उसे मार्केट में बेच कर जो पैसे मिलते थे उनमें बनाने वालो को भी दिया जाता था फैशनेबल कागज के बैग बनाना आदि सब सामिल था। इस कोर्स का भी सर्टिफिकट दिया जाता था मुझे भी बहुत सारे मिले है। कुछ समय बाद लडको ने इस डिज़ाइन कला में जाना कम कर दिया और कुछ समय बाद ये क्लास बन्द हो गई। 








English translate/

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 In the Art and Craft class, how to design was taught.  The teacher of this class was a ladies teacher.  I have forgotten the name but Syed was his name Archana.  It was simple and straightforward.  In Suruat we were taught how to make envelopes, but then according to the seasons and festivals, we have to tell decorative items or how to cut the frill chandeliers and colored paper.  How to fold and cut the paper, it was also a lot of fun to make a picture or what type of design would be made in it, and the teacher used to buy many colored papers.  And we used to do cutting.  During the time of Diwali, he used to make colorful chandeliers.  The most favorite design I used to make.  I can cut a symbol of a rupee and a picture of a deity and a picture of a dollar and many other types of designs on colored paper.  During the festival of Holi, flowers were made by drying them and making rakhi at the time of rakhi and the money that was received by selling it in the market was also given to those who made it, making fashionable paper bags etc. was all included.  Certificate of this course was also given, I have also got many.  After some time the boys stopped going in this design art and after some time this class stopped.







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