01/08/2020. P/109
हिन्दी/ /////// ८ वी कक्षा में आने के बाद हमारे कुछ टीचर बदल गए विज्ञान के नए टीचर आए । संस्कृत और इतिहास के भी टीचर बदल गए संस्कृत के लिए उपाध्याय सर को नियुक्त किया प्रिंसिपल ने और और इतिहास के लिए कौशल सर को नियुक्त किया प्रिंसिपल ने उपाध्याय सर पण्डित थे। और वे इतिहास के टीचर थे लेकिन विद्यालय में संस्कृत के अध्यापक की कमी थी। और प्रिंसिपल सर ने उपाध्याय सर से पूछा की क्या आप संस्कृत पड़ा पाएंगे तो उपाध्याय सर ने कहा है मै पड़ा सकता हूं। तो उपाध्याय सर को इतिहास की जगह संस्कृत दे दिया गया। और उपाध्याय सर संस्कृत भाषा पढाने लगे। विद्यालय में उपाध्याय सर को ८ साल हो गए थे और वे १२ से लेकर ९ क्लास तक संस्कृत पढ़ाते थे। लेकिन कुछ टीचर का ट्रान्सफर हो गया थे। जिसकी वजह से उपाध्याय सर को हमारी क्लास भी लेनी पड़ रही थी। ८ वी क्लास में हमारा कला टीचर भी बदल गए थे उनकी जगह जो नए टीचर आए थे। उनका नाम तो मुझे नहीं मालूम लेकिन विद्यार्थी उन्हें ५६ भोग कहते थे। क्योंकि ये उनके डायलॉग में सामिल शब्द था। जब भी किसी को कोई खुराफाती करते देखते तो बोलते कि ले - ले अभी ५६ भोग का आंनद जब परीक्षा आयेगी