03/06/2020. P/77
हिन्दी/
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धईया सर क्लास में आए और आते ही एक - एक को खड़ा करके अपना नाम पूछने लगे किसी को उनका नाम नहीं पता था। विद्यार्थी उन्हें धईया सर से बुलाते थे। जो उनका सरनेम था। सभी को दो - तीन घुसे मस्ती में मारे और बोले कल तक मेरा पूरा नाम पता कर लेना नहीं तो कल भी इसी तरह खुराक मिलेगी और फिर घंटी बजी और वो चले गए। प्राथना नहीं होती थी क्योंकि प्राथना/ खेल के मैदान में पानी भरा हुआ था। स्कूल बहुत बड़ा था खेल के मैदान भूत बड़ा है साथ ही अलग से बास्केट बॉल का प्ले ग्राउंड है। स्टूडेंट दिन भर स्कूल में खेलते रहते कुछ दीवार कूदकर भाग जाते। सुबह में जितने स्टूडेंट होते थे उसके आधे लंच टाइम में भाग जाते थे। मै दीपक के साथ स्कूल बंक करता था जो स्कूल कि बाउंड्री थी वो ज्यादा उचि नहीं थी। जिससे कूदना आसान था। स्कूल के गेट पर एक ओल्ड लेडी चूरन , टाफ़ी, इमली, तरह - तरह के समान बेचती थी। स्कूल के दो गेट थे। एक खुलता था। और एक हमेशा बंद रहता था। ६ क्लास से बंक करना मुझे दीपक ने सिखाया था। कामिना हमेशा ( आज क्लास में सर काम चेक करेगे ) ये बोलकर डराता था। और मै भाग जाता था। एक बात तो बहुत बुरा होता था। जिस दिन दीपक के साथ स्कूल बंक करता उसके अगल दिन सर से पिटाई और जिस दिन क्लास बंक नहीं करता था कोई अध्यापक आकर पनिशमेंट दे देता था। और अगले दिन अध्यापक क्लास बंक करने वालो को छोड़ देते थे।
English translate/
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Dhaiya sir came to class and stood up one by one and started asking his name, no one knew his name. Students called him from Dhaiya sir. Which was his surname. Everybody killed two or three in fun and said that till tomorrow, find out my full name or else tomorrow I will get the same dose and then the bell rang and he went away. Prayer was not held because the prayer / playground was filled with water. The school was very big. The playground is very big as well as a separate basketball ball play ground. Students used to run around the wall and run around the wall all day long. Half of the students who were there in the morning used to run away at lunch time. I used to bunk the school with Deepak, who was the boundary of the school was not very high. Which made it easy to jump. At the school gate, an old lady used to sell churan, taffy, tamarind, variety. The school had two gates. There was an opening. And one was always closed. दीपक Deepak taught me to bunk from class. Kamina always used to scare me by saying (I will check my head in class today). And I used to run away. One thing was very bad. The day the school bunked with Deepak, the next day he was beaten by his head and the day the class did not bunk, a teacher would come and give punishments. And the next day, the teacher left the class bunkers.
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धईया सर क्लास में आए और आते ही एक - एक को खड़ा करके अपना नाम पूछने लगे किसी को उनका नाम नहीं पता था। विद्यार्थी उन्हें धईया सर से बुलाते थे। जो उनका सरनेम था। सभी को दो - तीन घुसे मस्ती में मारे और बोले कल तक मेरा पूरा नाम पता कर लेना नहीं तो कल भी इसी तरह खुराक मिलेगी और फिर घंटी बजी और वो चले गए। प्राथना नहीं होती थी क्योंकि प्राथना/ खेल के मैदान में पानी भरा हुआ था। स्कूल बहुत बड़ा था खेल के मैदान भूत बड़ा है साथ ही अलग से बास्केट बॉल का प्ले ग्राउंड है। स्टूडेंट दिन भर स्कूल में खेलते रहते कुछ दीवार कूदकर भाग जाते। सुबह में जितने स्टूडेंट होते थे उसके आधे लंच टाइम में भाग जाते थे। मै दीपक के साथ स्कूल बंक करता था जो स्कूल कि बाउंड्री थी वो ज्यादा उचि नहीं थी। जिससे कूदना आसान था। स्कूल के गेट पर एक ओल्ड लेडी चूरन , टाफ़ी, इमली, तरह - तरह के समान बेचती थी। स्कूल के दो गेट थे। एक खुलता था। और एक हमेशा बंद रहता था। ६ क्लास से बंक करना मुझे दीपक ने सिखाया था। कामिना हमेशा ( आज क्लास में सर काम चेक करेगे ) ये बोलकर डराता था। और मै भाग जाता था। एक बात तो बहुत बुरा होता था। जिस दिन दीपक के साथ स्कूल बंक करता उसके अगल दिन सर से पिटाई और जिस दिन क्लास बंक नहीं करता था कोई अध्यापक आकर पनिशमेंट दे देता था। और अगले दिन अध्यापक क्लास बंक करने वालो को छोड़ देते थे।
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Dhaiya sir came to class and stood up one by one and started asking his name, no one knew his name. Students called him from Dhaiya sir. Which was his surname. Everybody killed two or three in fun and said that till tomorrow, find out my full name or else tomorrow I will get the same dose and then the bell rang and he went away. Prayer was not held because the prayer / playground was filled with water. The school was very big. The playground is very big as well as a separate basketball ball play ground. Students used to run around the wall and run around the wall all day long. Half of the students who were there in the morning used to run away at lunch time. I used to bunk the school with Deepak, who was the boundary of the school was not very high. Which made it easy to jump. At the school gate, an old lady used to sell churan, taffy, tamarind, variety. The school had two gates. There was an opening. And one was always closed. दीपक Deepak taught me to bunk from class. Kamina always used to scare me by saying (I will check my head in class today). And I used to run away. One thing was very bad. The day the school bunked with Deepak, the next day he was beaten by his head and the day the class did not bunk, a teacher would come and give punishments. And the next day, the teacher left the class bunkers.
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