10/05/2020. P/53

हिन्दी/
///////
कुछ समय बीतने के बाद होम में अपना नाम चलने लगा। नो कुटी वर्क कोई भी कैप्टन बोलने वाला नहीं। जो मर्जी हो वो करो कुछ महीनों तक येसे ही चलता रहा फिर होम में एक लड़का आया जिसका नाम था। दानिश वह थोड़ा पागलों जैसी हरकते करता था। जिसकी वजह से उसे दानिश मेंटल कहते थे इतना कमिना था। कि पूरे होम वालो से लेकर ऑफिस वाले तक उससे परेशान थे। किसी चीज से नहीं डरता था जिस दिन आया था। उसके दूसरे दिन ऑफिस में जाकर सुप्रीदेंत सर से सिगरेट माग रहा था। उससे नहीं मिला फिर धमकी देकर गया तुझे देख लूंगा तेरी हेड ऑफिस में सिकायट करेगा।
इस बात पर उससे स्टाफ से लेकर कैप्टन तक सभी ने पीटा मगर  उससे कोई फर्क ही नहीं पड़ता कितना मरो साले को चिल्लाता ही नही था कोई रिस्पॉन्स नहीं जैसे उसे लगता है न हो अगले दिन फिर ऑफिस में गया इस बार उसके पास सिगरेट था। पता नहीं कहा से लाया था। सुप्रिडेंत सर के सामने वाली कुर्सी पर बैठ कर टेबल पर पैर रखकर सिगरेट जला कर पिया। और सुप्रिदेंट सर के मुंह पर धुआ छोड़ते हुए बोला साले तू सिगरेट नहीं देगा तो मुझे मिलेगा नहीं। सुप्रिदेंट सर ने उसे ऑफिस में गेट बंद करके पीटा। कुछ भी करो साले को असर ही नहीं होता था। ऐसा लगता था। एक आदत थी साले की रोज बेड पर मुतता था। इसलिए रात में एक टाइम फिक्स कर दिया था। उसका बेड पर मुत्तने का रात को १२:३० पर अगर तूने बेड पर नहीं मुता तो पिटेगा।https://myjourney971.blogspot.com/2020/05/10052020-p53.html?m=1








English translate/
////////////////////////////
 After some time, his name started working in the home.  No kitty work, no captain speaking.  Do whatever you want, it continued for a few months, then a boy came to the house whose name was.  Danish he used to do little crazy movements.  Because of which he was called Danish Mantle was such a scoundrel.  That the entire home people were worried about him from office to office.  The day came when I was not afraid of anything.  On his second day, going to the office, he was asking for a cigarette from Suprident sir.  Did not meet him then went to threaten you and I will see you in your head office. Everyone was beaten him from the staff to the captain on this matter, but no matter how much he did not shout to the bother, there was no response as if he did not think he went to the office again the next day, this time he had a cigarette.  Did not know where I brought it from.  Sitting in the chair in front of Suprident Sir, drank cigarettes and lit a cigarette while laying on the table.  And leaving smoke on the mouth of the Superintendent Sir, he said if you do not give cigarettes, I will not get it.  Superintendent Sir beat him by closing the gate in the office.  Do anything, the brother-in-law was not affected.  It used to be  There was a habit of the urin who used to get on the bed every day.  So I had fixed a time at night.  To lay on his bed at 12:30 at night, if you do not turn on the bed, you will get beaten up.https://myjourney971.blogspot.com/2020/05/10052020-p53.html?m=1





Comments

Post a Comment

Popular posts from this blog

मीना बाजार/छत्ता चौंक लालकिला

दीवाने ए आम

लालकिला/ लाहौरी गेट