15/04/2020। P/28
हिन्दी/
राजातालाब में वर्षा के सीजन में राजा का मेला लगता है मेला बहुत बड़ा होता है इतनी भीड़ होती है कि क्या बताऊं आस पास के जो गांव होते है उस मेले में समा जाते है रोड पूरा कीचड़ से भर जाता है वहा से में मदुआदीह गया वहां वहा मै एक मंथ रहा मदुआडिह में डीएल डबल है डीजल इंजन बनाने का कारखाना को साल में एक से दिन के लिए खुलता है पब्लिक के लिए वो दिन विश्वकर्मा पूजा का दिन होता है सभी मशीन बंद होती है मॉर्निंग में 7 से 10 बजे तक एंट्री होती है वो इतना बड़ा है को सायद पूरा दिन लग जाए फिर भी पूरा नहीं घूम पाओगे उसी के साइड में ब्रेड बनाने की फैक्टरी है जो सायद हमेशा चलती रहती थी क्योंकि उससे हमेशा आवाजे आती रहती थी लोग बोलते थे कि उस फैक्टरी में लोग पैरों से मैदा गूथते थे क्योंकि हाथ से इतना नहीं गुथ सकते थे फिर वह से में इलाहाबद गया वहा नहाने के लिए बहुत भीड़ लगी हुई थी सायाद कोई नहाने का मेला लगा था भीड़ इतनी थी कि कोई गिर जाए तो पैरों से कुचल के मर जाएगा मै भी गया घाट पर फिर वापस आ गया . इलाहाबाद जक्शन पर .
English translate/
The Raja's fair is held in Rajatlab during the rainy season, the fair is very big, so what to tell, the villages that are nearby are covered in the fair, the road is filled with mud, from there to Maduadih went there. I have a double DL in Maduadih, a diesel engine making factory opens for one day in a year, for public, that day is the day of Vishwakarma Puja, all the machines are closed. Entry from 7 to 10 in the morning is so big that even if it takes a whole day, then you will not be able to roam the whole, there is a bread making factory on the side of it, which was always moving because it always used to make people speak. It was in that factory that people used to knead maida with feet because they could not knead so much by hand, then he went to Allahabad from there and there was too much crowd to take bath. Fair thought the crowd was so great that a fall will die crushed legs, I was back again on the pier. On the Allahabad junction.
राजातालाब में वर्षा के सीजन में राजा का मेला लगता है मेला बहुत बड़ा होता है इतनी भीड़ होती है कि क्या बताऊं आस पास के जो गांव होते है उस मेले में समा जाते है रोड पूरा कीचड़ से भर जाता है वहा से में मदुआदीह गया वहां वहा मै एक मंथ रहा मदुआडिह में डीएल डबल है डीजल इंजन बनाने का कारखाना को साल में एक से दिन के लिए खुलता है पब्लिक के लिए वो दिन विश्वकर्मा पूजा का दिन होता है सभी मशीन बंद होती है मॉर्निंग में 7 से 10 बजे तक एंट्री होती है वो इतना बड़ा है को सायद पूरा दिन लग जाए फिर भी पूरा नहीं घूम पाओगे उसी के साइड में ब्रेड बनाने की फैक्टरी है जो सायद हमेशा चलती रहती थी क्योंकि उससे हमेशा आवाजे आती रहती थी लोग बोलते थे कि उस फैक्टरी में लोग पैरों से मैदा गूथते थे क्योंकि हाथ से इतना नहीं गुथ सकते थे फिर वह से में इलाहाबद गया वहा नहाने के लिए बहुत भीड़ लगी हुई थी सायाद कोई नहाने का मेला लगा था भीड़ इतनी थी कि कोई गिर जाए तो पैरों से कुचल के मर जाएगा मै भी गया घाट पर फिर वापस आ गया . इलाहाबाद जक्शन पर .
English translate/
The Raja's fair is held in Rajatlab during the rainy season, the fair is very big, so what to tell, the villages that are nearby are covered in the fair, the road is filled with mud, from there to Maduadih went there. I have a double DL in Maduadih, a diesel engine making factory opens for one day in a year, for public, that day is the day of Vishwakarma Puja, all the machines are closed. Entry from 7 to 10 in the morning is so big that even if it takes a whole day, then you will not be able to roam the whole, there is a bread making factory on the side of it, which was always moving because it always used to make people speak. It was in that factory that people used to knead maida with feet because they could not knead so much by hand, then he went to Allahabad from there and there was too much crowd to take bath. Fair thought the crowd was so great that a fall will die crushed legs, I was back again on the pier. On the Allahabad junction.
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