दीवाने ए आम
दीवाने ए आम दीवाने ए आम , आम नागरिकों के लिए बनवाया गया था जहा शाहजहा नागरिकों से मुलाकात करते थे और उनकी शिकायते भी सुनते थे १६२८ ईसवी से १३५८ तक ये दरबार लगता था पिछे दीवार से लगकर एक छतरी नुमा बंगाल शैली में बना हुआ है जिसके नीचे बादशाह का सिंहासन था जिसमे बैठकर बादशाह लोगो की शिकायते सुना करते थे ठीक उसके नीचे बहुमूल्य पत्थरों से जड़ी एक चौकी रखी रहती थी जिससे वजीर शिकायती पत्र प्राप्त करता था। छतरी के पीछे दीवार पर बहुमूल्य पत्थरों से नकासी की गई थी जिसमे चिड़िया के सुंदर चित्र बने होते थे। दीवाने ए आम Deewane-e-Aam was built for common citizens where Shah Jaha used to meet citizens and listen to their complaints. There was a throne in which the emperor used to sit and listen to the complaints of the people, just below it there was a chowki studded with precious stones, from which the vizier used to receive complaint letters. The wall behind the umbrella was carved with precious stones, in which beauti